बच्चों के लिए शिक्षाप्रद कहानियां | 10 Moral Stories for Kids in Hindi

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Moral Stories for Kids in Hindi: कुछ सालों पहले जब मोबाइल, इंटरनेट और टीवी जैसी सुविधाएं चचिर्त नहीं थी तब बच्चे अपने बड़ों से कहानियां सुनते थे। अपना स्कूल का काम करने के बाद ग्राउंड में खेलने जाते थे। कहानियां सुनने से बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलती थी और खेलने से शरीर स्वस्थ रहता है। पुरानी कहानियों से बच्चों के अंदर अच्छे गुणों का विकास होता है और सही गलत की समझ आती है।

इस लेख में हम आपको Moral Stories for Kids in Hindi पढ़ने को मिलेंगी। इन्हें आप अपने बच्चों को सुना सकते हो और उनके अंदर अच्छी आदतों का विकास कर सकते हो। ध्यान रहे जो शिक्षा बचपन में दी जाती है वही बच्चों के व्यक्तित्व का विकास करती है। तो आइये पढ़ते हैं Hindi Moral Stories For Kids.

🙌🏻 Moral Stories for Kids in Hindi 🙌🏻

Moral Stories for Kids in Hindi
Moral Stories for Kids in Hindi

1. मुर्गे की अकाल ठिकाने

एक समय की बात है, एक गांव में बहुत सारे मुर्गे रहते थे। गांव के बच्चे ने किसी एक मुर्गे को तंग कर दिया था। मुर्गा परेशान हो गया, उसने सोचा अगले दिन सुबह मैं आवाज नहीं करूंगा। सब सोते रहेंगे तब मेरी अहमियत सबको समझ में आएगी, और मुझे तंग नहीं करेंगे। मुर्गा अगली सुबह कुछ नहीं बोला। सभी लोग समय पर उठ कर अपने-अपने काम में लग गए इस पर मुर्गे को समझ में आ गया कि किसी के बिना कोई काम नहीं रुकता। सबका काम चलता रहता है।

Story's Moral – घमंड नहीं करना चाहिए। आपकी अहमियत लोगो को बिना बताये पता चलती है।

Hindi short stories with moral for kids
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2. शेर का आसान

शेर जंगल का राजा होता है। जंगल के सभी जानवर शेर से डरते हैं क्योंकि शेर ताकतवर होता है। एक समय की बात है एक शहर का राजा जंगल में घूमने गया। शेर ने देखा राजा हाथी पर आसन लगा कर बैठा है। शेर का मन भी हाथी पर आसन लगाकर बैठने का करने लगा। शेर ने जंगल के सभी जानवरों को बुला कर आदेश दिया कि हाथी पर एक आसन लगाया जाए। बस क्या था झट से आसन लग गया। शेर उछलकर हाथी पर लगे आसन पर जा बैठा। हाथी जैसे ही आगे की ओर चलता है, आसन हिल जाता है और शेर नीचे धड़ाम से गिर जाता है। शेर की टांग टूट गई शेर खड़ा होकर कहने लगा – पैदल चलना ही ठीक रहता है।

Story's Moral – जिसका काम उसी को साजे , शेर ने आदमी की नक़ल करनी चाही और परिणाम गलत साबित हुआ। इसलिए जीवन में किसी की नकल नहीं करनी चाहिए।

Moral Stories in Hindi
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3. शरारती चूहा

गोलू के घर में एक शरारती चूहा आ गया। वह बहुत छोटा सा था मगर सारे घर में भागता रहता था। उसने गोलू की किताब भी कुतर डाली थी। कुछ कपड़े भी कुतर दिए थे। गोलू की मम्मी जो खाना बनाती और बिना ढ़के रख देती, वह चूहा उस खाने को भी चट कर जाता था। चूहा खा – पीकर बड़ा हो गया था। एक दिन गोलू की मम्मी ने एक बोतल में शरबत बनाकर रखा। शरारती चूहे की नज़र बोतल पर पड़ गयी।  चूहे ने शर्बत को पीने के लिए कई तरकीब लगाई।

चूहा बोतल पर चढ़ा किसी तरह से ढक्कन को खोलने में सफल हो जाता है।  अब उसमें चूहा मुंह घुसाने की कोशिश करता है।  बोतल का मुंह छोटा था मुंह नहीं घुसता था ।  फिर चूहे को आइडिया आया उसने अपनी पूंछ बोतल में डाली। पूंछ  शरबत से गीली हो जाती है  उसे चाट – चाट कर  चूहे का पेट भर गया। अब वह गोलू के तकिए के नीचे बने अपने बिस्तर पर जा कर आराम से करने लगा।

Story's Moral – मेहनत करने से कोई कार्य असम्भव नहीं होता।

New Moral Stories In Hindi
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4. बलवान और कमजोर

एक दिन एक दुबला-पतला छात्र अपने विद्यालय से घर जा रहा था। रास्ते में उसने देखा कि दो लड़के आपस में झगड़ रहे हैं। उनमें से बलवान लड़का कमजोर लड़के को छड़ी से पीट रहा था। जैसे-तैसे हिम्मत कर उस लड़के ने बलवान लड़के से पूछ लिया - 'क्यों भाई, तुम इसे कितनी छड़ी और मरना चाहते हो ?

बलवान लड़का बोला - 'तुम्हें क्या मतलब?'

छात्र बोला - 'मैं तुमसे ज्यादा बलवान तो नहीं हूं जो इस कमजोर को बचाने के लिए तुमसे लड़ सकूँ, लेकिन इतना जरूर चाहता हूँ कि इसकी पिटाई में मैं भी भागीदार बन जाऊँ।'

‘तुम्हारा मतलब क्या है?‘ बलवान लड़का समझ नहीं पाया। छात्र - 'तुम इस कमजोर लड़के के शरीर पर जितनी भी छड़ी मारना चाहते हो, उससे आधी मेरी पीठ पर मार लो, इस तरह इसका आधा कष्ट मैं बाँट लूंगा।'

यह सुनकर बलवान लड़का ठगा-सा रह गया। मार खाने वाले लड़के की मुसीबत टल गई।

Story's Moral - किसी का दुख बाँटने के लिए शक्तिशाली, सामर्थ्यवान होना जरूरी नहीं होता, जैसा कि हम अक्सर दूसरों को सुनाने के लिए कहते हैं।

Hindi Moral Stories for Kids

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5. हंस और मेंढक

एक बार एक हंस (Swan) एक समुद्र से उड़कर दूसरे समुद्र की तरफ जा रहा था। वह रास्ते में थक कर एक कुएं के किनारे बैठ गया। उस कुएं के अंदर एक मेंढक रहता था।

उस मेंढक ने हंस को देखकर पूछा:-” भाई! तुम कौन हो और कहां से आए हो?”

हंस ने जवाब दिया:-” मैं समुद्र के किनारे रहने वाला एक पक्षी हूँ और मोती चुनकर खाता हूं|”
तब मेंढक ने पूछा कि समुद्र कितना बड़ा है?

हंस ने कहा:- ‘बहुत बड़ा है|’

मेंढक ने थोड़ी दूर पीछे हट कर कहा कि इतना बड़ा होगा?

हंस ने कहा:-” नहीं, बहुत बड़ा|”

मेंढक ने थोड़ा सा चक्कर लगाकर पूछा:-‘ इतना बड़ा?’

हंस ने कहा कि समुद्र इससे भी कहीं बड़ा होता है|

तब मेंढक बोला:-” तू झूठा है, बेईमान है। इससे बड़ा तो हो ही नहीं सकता। ”

हंस ने सोचा कि इस मुर्ख को समझाने से अच्छा है कि यहां से प्रस्थान किया जाए और हंस वहां से अपने मार्ग की ओर चल दिया|

Story's Moral- जो बात हमारी समझ से बाहर होती है उसको हम अक्सर मानने के लिए तैयार नहीं होते हैं|

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6. चुनौतियों को देखने का नजरिया

एक बार एक महिला अपने कुछ दोस्तों के साथ होटल में खाना खाने गई| होटल कोई ज्यादा बड़ा नहीं था| यह है ढाबे जैसा था| सब लोग बैठ गए और खाना खाने लगे|

तभी कहीं से एक कॉकरोच उड़कर उस महिला के कंधे पर आकर बैठ गया बस फिर क्या था महिला चीखने चिल्लाने लगी|

उसे देखकर उसके दोस्त ही नहीं बल्कि होटल के और लोग भी चिल्लाने लगे|

महिला की चीख पुकार और उछल-कूद देखकर कॉकरोच ने फिर उड़ान भरी और इस बार दूसरी टेबल पर बैठी एक महिला के कान पर जाकर बैठ गया| पिछली बार की तरह इस बार भी महिला चीखने चिल्लाने लगी|

वहीं पीछे एक वेटर खड़ा था जो सब कुछ देख रहा था| जब तक वह कुछ समझता, कॉकरोच फिर से उड़कर वेटर की नाक पर जाकर बैठ गया| लेकिन वेटर नहीं चिल्लाया वह एकदम स्थिर होकर खड़ा हो गया और उसने कॉकरोच को भी स्थिर किया| फिर धीरे से उसने अपना हाथ उठाया और कॉकरोच को हाथ से पकड़ कर होटल के बाहर फेंक दिया|

अब सोचने वाली बात यह है कि केवल कॉकरोच कि किसी के ऊपर बैठ जाने से होटल में इतनी हलचल मच गई| लेकिन कॉकरोच तो वेटर के ऊपर भी बैठा था| लेकिन वह एक दम शांत था और समस्या का हल निकाला|

अगर वेटर भी घबरा जाता और चीखने चिल्लाने लगता तो वह भी स्थिति को काबू नहीं कर पाता और समस्या का समाधान नहीं ढूंढ पाता|

इस कहानी से यही सारांश निकलता है कि हमारी सफलता इसी बात पर निर्भर करती है कि हम चुनौतियों के प्रति कैसी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं|

Story's Moral: चुनौती नहीं, उसके प्रति प्रतिक्रिया हमें सफल या विफल बनाती है

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7. शाहजहां की विनम्रता

दोपहर का वक्त था| बादशाह शाहजहां को प्यास लगी| उन्होंने इधर उधर देखा| लेकिन कोई नौकर भी पास नहीं था, क्योंकि आमतौर पर पानी की सुराही भरी हुई पास ही रखी होती थी| पर उस दिन सुराही में भी पानी नहीं था|

बादशाह शाहजहां, एक कुएं के पास पहुंचे और पानी निकालने की कोशिश करने लगे| बादशाह जैसे ही बाल्टी पकड़ने के लिए आगे झुके तो कुए पर लगी हुई चकरी उनके माथे में जा लगी और खून बहने लगा|

किंतु गुस्सा करने की बजाय बादशाह ने कहा:-” शुक्र है! मेरे मालिक तेरा शुक्र है, जिस आदमी को कुएं से पानी भी निकालना नहीं आता, ऐसे बेवकूफ आदमी को आपने बादशाह बना दिया| यह आपकी रहमत नहीं है तो और क्या है?”

Story's Moral: दुख आने पर हमें घबराना नहीं चाहिए बल्कि दुख में भी ईश्वर का शुक्र मनाना चाहिए|


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8. महात्मा और खजूर

एक बार एक महात्मा बाजार से होकर गुजर रहा था| रास्ते में एक व्यक्ति खजूर बेच रहा था| उस महात्मा के मन में विचार आया कि खजूर लेनी चाहिए| उसने अपने मन को समझाया और वहां से चल दिए| किंतु महात्मा पूरी रात भर सो नहीं पाया|

वह विवश होकर जंगल में गया और जितना बड़ा लकड़ी का गट्ठर उठा सकता था, उसने उठाया| उस महात्मा ने अपने मन से कहा कि यदि तुझे खजूर खानी है, तो यह बोझ उठाना ही पड़ेगा| महात्मा,थोड़ी दूर ही चलता, फिर गिर जाता, फिर चलता और गिरता|

उसमें एक गट्ठर उठाने की हिम्मत नहीं थी लेकिन उसने लकड़ी के भारी भारी दो गट्ठर उठा रखे थे| दो ढाई मील की यात्रा पूरी करके वह शहर पहुंचा और उन लकड़ियों को बेचकर जो पैसे मिले उससे खजूर खरीदने के लिए जंगल में चल दिया|

खजूर सामने देखकर महात्मा का मन बड़ा प्रसन्न हुआ| महात्मा ने उन पैसों से खजूर खरीदें लेकिन महात्मा ने अपने मन से कहा कि आज तूने खजूर मांगी है, कल फिर कोई और इच्छा करेगी| कल अच्छे-अच्छे कपड़े और स्त्री मांगेगा अगर स्त्री आई तो बाल बच्चे भी होंगे| तब तो मैं पूरी तरह से तेरा गुलाम ही हो जाऊंगा| सामने से एक मुसाफिर आ रहा था| महात्मा ने उस मुसाफिर को बुलाकर सारी खजूर उस आदमी को दे दी और खुद को मन का गुलाम बनने से बचा लिया|

Story's  Moral: यदि मन का कहना नहीं मानोगे तो इस जीवन का लाभ उठाओगे। यदि मन की सुनोगे तो मन के गुलाम बन जाओगे|
Top 10 moral stories in Hindi

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9. पैगंबर और उसके शिष्य

एक बार हजरत मोहम्मद साहब अपने दोस्तों और इमामों को मस्जिद में ले गए और उनसे पूछा:-” आपके पास क्या-क्या है?”

हजरत उमर ने कहा:- “मेरी औरत है, लड़के लड़कियां हैं और ऊंट वगैरह है|” सब कुछ गिनते-गिनते उसे बहुत देर हो गई| दूसरे लोगों ने भी इसी तरह उत्तर दिए|

जब हज़रत अली की बारी आई तो वह अपनी जगह से उठे और बोले:-” मेरा तो एक खुदा है और एक आप है, इसके अलावा मेरा कुछ नहीं|” हजरत मोहम्मद साहब को यही सुनना था|

सीख:-
संसार में भौतिक चीजों का कोई खास महत्व नहीं है| यह हमारे पास थोड़े समय के लिए ही होती हैं| जो इस दुनिया में जितना ज्यादा फंसा हुआ है वह उतना ही परेशान है|

hindi short stories for class 1
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10. एक चिड़िया का राजा को ज्ञान

एक राजा के महल में एक सुंदर बगीचा था| बगीचे में अंगूर की बेल लगी हुई थी और उस बैल पर एक चिड़िया रोज आकर बैठती थी|

चिड़िया प्रतिदिन अंगूर की बेल से चुन-चुनकर मीठे अंगूर खाती थी और खट्टे अंगूर को नीचे गिरा देती थी| बगीचे के माली ने चिड़िया को पकड़ने की बहुत कोशिश की पर वह माली के हाथ नहीं आती थी|

माली ने राजा को यह बात सुनाई| यह सुनकर राजा ने चिड़िया को सबक सिखाने की ठान ली और अगले दिन बगीचे में घूमते हुए जब चिड़िया अंगूर खाने आई तो राजा ने उसे पकड़ लिया| वह चिड़िया को मारने लगा तो चिड़िया ने कहा, राजन, मुझे मत मारो मैं आपको ज्ञान की चार बातें बताऊंगी|

राजा ने कहा जल्दी बता| चिड़िया बोली,
पहली बात:- हाथ आए शत्रु को कभी नहीं छोड़ना चाहिए|
दूसरी बात:- असंभव बातों पर भूलकर भी विश्वास नहीं करना चाहिए|
तीसरी बात:- बीती हुई बातों पर कभी पश्चाताप नहीं करना चाहिए|

फिर चिड़िया अचानक रुक गई राजा ने कहा चौथी बात भी बता दो| चिड़िया बोली, चौथी बात जरा ध्यान से सुनने की है| मुझे जरा ढीला छोड़ दें क्योंकि आपके हाथों में मेरा दम घुट रहा है|

राजा ने हाथ ढीला छोड़ दिया तो चिड़िया एकदम से उड़कर पेड़ की डाल पर बैठ गई और बोली,

चौथी बात यह थी कि मेरे पेट में दो हीरे हैं|

यह सुनकर राजा को बड़ा दुख हुआ| राजा की हालत को देखकर चिड़िया बोली, है राजन, आपने मेरी बात नहीं मानी| मैं आपकी शत्रु थी फिर भी आपने मुझे छोड़ दिया| दूसरी बात में मैंने बताया था कि असंभव बातों पर भूलकर भी विश्वास नहीं करना चाहिए| मैंने आपसे कहा कि मेरे पेट में दो हीरे हैं और आपने भरोसा कर लिया|

Story's Moral: ज्ञान की बातें सुनने और पढ़ने से कोई लाभ नहीं होता यदि आप जीवन में उन पर अमल नहीं करते हैं|

आपको ऊपर लिखी गयी "Moral Stories for Kids in Hindi" कैसी लगीं ? हमें कमेंट करके बतायें। अगर आपके पास भी कोई ऐसी hindi moral story से जिससे बच्चों को शिक्षा मिल सकती है, तो आप हमें कमेंट या irahulupmanyu@gmail.com पर भेज सकते हैं। धन्यवाद 🙏🏻🙏🏻

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