Rimjhim Gire Sawan Lyrics - रिम-झिम गिरे सावन Lyrics
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Rimjhim Gire Sawan Lyrics फिल्म मंजिल के गाने के हैं। इस गाने को राहुलदेव बर्मन ने संगीत दिया है। इस गाने के lyrics योगेश ने लिखे हैं। अब बात आती है इस गाने को गाया किसने हैं क्योंकि जिन्होंने इस गाने को गाया है उनकी आवाज में जादू था। उनकी आवाज सीधी दिल को छूकर जाती है। इस गाने को किशोर कुमार और लता मंगेशकर ने गाया है। अपने समय का यह बहुत हिट song था।
Rimjhim Gire Sawan Lyrics
रिम-झिम गिरे सावन के lyrics इस प्रकार हैं -
रिम-झिम गिरे सावन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन ...
पहले भी यूँ तो बरसे थे बादल,
पहले भी यूँ तो भीगा था आंचल
अब के बरस क्यूँ सजन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन ...
इस बार सावन दहका हुआ है,
इस बार मौसम बहका हुआ है
जाने पीके चली क्या पवन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन ...
रिम-झिम गिरे सावन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन ...
जब घुंघरुओं सी बजती हैं बूंदे,
अरमाँ हमारे पलके न मूंदे
कैसे देखे सपने नयन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन ...
महफ़िल में कैसे कह दें किसी से,
दिल बंध रहा है किस अजनबी से
हाय करे अब क्या जतन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन ...
आपको Rimjhim Gire Sawan Lyrics कैसे लगे? कमेंट करके बतायें। आपका सबसे पसंदीदा गाना कौन सा है, हमें बताएं। हम आपके लिए उसे गाने के हिंदी में lyrics अपलोड करेंगे।
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