बीरबल कहां मिलेगा - Akbar Aur Birbal Ki Kahani Number 6
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Akbar Aur Birbal Ki Kahani: दोस्तों बहुत कम लोगों को इस कहानी का सार समझ आता है। जो लोग इस कहानी को बहुत ध्यान से पढ़ेंगे उन्हें ही बीरबल की चतुराई का पता लगेगा। इस कहानी में बीरबल ने एक आदमी को बिना कुछ किये अपनी चतुराई का परिचय दिया।
एक दिन बीरबल बाग में टहलते हुए सुबह की ताजा हवा का आनंद ले रहा था कि अचानक एक आदमी उसके पास आकर बोला, ‘‘क्या तुम मुझे बता सकते हो कि बीरबल कहां मिलेगा ?’’
बीरबल ने कहा - बाग में।
वह आदमी थोड़ा सकपकाया लेकिन फिर संभलकर बोला, ‘‘वह कहां रहता है ?’’
बीरबल ने उत्तर दिया - अपने घर में।
हैरान-परेशान आदमी ने फिर पूछा, तुम मुझे उसका पूरा पता ठिकाना क्यों नहीं बता देते हो ?
बीरबल ने ऊंचे स्वर में कहा- क्योंकि तुमने पूछा ही नहीं।
उस आदमी ने फिर सवाल किया - क्या तुम नहीं जानते कि मैं क्या पूछना चाहता हूं ?
बीरबल ने कहा नहीं।
वह आदमी कुछ देर के लिए चुप हो गया, बीरबल का टहलना जारी था। उस आदमी ने सोचा कि मुझे इससे यह पूछना चाहिए कि क्या तुम बीरबल को जानते हो ? वह फिर बीरबल के पास जा पहुंचा और बोला - बस, मुझे केवल इतना बता दो कि क्या तुम बीरबल को जानते हो ?
तब बीरबल ने कहा हां, मैं जानता हूं।
आदमी ने पूछा - तुम्हारा क्या नाम है ?
‘बीरबल ने उत्तर दिया - ‘बीरबल।’’
अब वह आदमी भौचक्का रह गया। वह बीरबल से इतनी देर से बीरबल का पता पूछ रहा था और बीरबल था कि बताने को तैयार नहीं हुआ कि वही बीरबल है। उसके लिए यह बेहद आश्चर्य की बात थी।
‘‘तुम भी क्या आदमी हो...’’ कहता हुआ वह कुछ नाराज सा लग रहा था। मैं तुमसे तुम्हारे ही बारे में पूछ रहा था और तुम न जाने क्या-क्या ऊटपटांग बता रहे थे। बताओ, तुमने ऐसा क्यों किया ?
बीरबल ने कहा - मैंने तुम्हारे सवालों का सीधा-सीधा जवाब दिया था।
अंततः वह आदमी भी बीरबल की बुद्धि की तीक्ष्णता देख मुस्कराए बिना न रह सका।
Akbar Aur Birbal Ki Kahani - 6 |
एक दिन बीरबल बाग में टहलते हुए सुबह की ताजा हवा का आनंद ले रहा था कि अचानक एक आदमी उसके पास आकर बोला, ‘‘क्या तुम मुझे बता सकते हो कि बीरबल कहां मिलेगा ?’’
बीरबल ने कहा - बाग में।
वह आदमी थोड़ा सकपकाया लेकिन फिर संभलकर बोला, ‘‘वह कहां रहता है ?’’
बीरबल ने उत्तर दिया - अपने घर में।
हैरान-परेशान आदमी ने फिर पूछा, तुम मुझे उसका पूरा पता ठिकाना क्यों नहीं बता देते हो ?
बीरबल ने ऊंचे स्वर में कहा- क्योंकि तुमने पूछा ही नहीं।
उस आदमी ने फिर सवाल किया - क्या तुम नहीं जानते कि मैं क्या पूछना चाहता हूं ?
बीरबल ने कहा नहीं।
वह आदमी कुछ देर के लिए चुप हो गया, बीरबल का टहलना जारी था। उस आदमी ने सोचा कि मुझे इससे यह पूछना चाहिए कि क्या तुम बीरबल को जानते हो ? वह फिर बीरबल के पास जा पहुंचा और बोला - बस, मुझे केवल इतना बता दो कि क्या तुम बीरबल को जानते हो ?
तब बीरबल ने कहा हां, मैं जानता हूं।
आदमी ने पूछा - तुम्हारा क्या नाम है ?
‘बीरबल ने उत्तर दिया - ‘बीरबल।’’
अब वह आदमी भौचक्का रह गया। वह बीरबल से इतनी देर से बीरबल का पता पूछ रहा था और बीरबल था कि बताने को तैयार नहीं हुआ कि वही बीरबल है। उसके लिए यह बेहद आश्चर्य की बात थी।
‘‘तुम भी क्या आदमी हो...’’ कहता हुआ वह कुछ नाराज सा लग रहा था। मैं तुमसे तुम्हारे ही बारे में पूछ रहा था और तुम न जाने क्या-क्या ऊटपटांग बता रहे थे। बताओ, तुमने ऐसा क्यों किया ?
बीरबल ने कहा - मैंने तुम्हारे सवालों का सीधा-सीधा जवाब दिया था।
अंततः वह आदमी भी बीरबल की बुद्धि की तीक्ष्णता देख मुस्कराए बिना न रह सका।
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